गले लगकर रोने लगा था हाइजैकर, बोला- मेरे भाई की… कैप्टन देवी शरण ने बताया कंधार हाइजैक का किस्सा
2 months ago | 21 Views
कंधार हाइजैक पर बेस्ड वेब शो IC 814: द कंधार हाइजैक में विजय वर्मा ने फ्लाइट के कैप्टन विजय वर्मा का रोल निभाया है। यह वेब शो काफी चर्चा में रहा। इस बीच कई असली किस्से नेटफ्लिक्स के इस शो के बहाने बाहर आ चुके हैं। अब विजय वर्मा ने कैप्टन देवी शरण का इंटरव्यू किया। उन्होंने इस घटना से जुड़ी कई शॉकिंग बाते बताईं।
बर्गर से होती थी बातचीत
फ्लाइट के कैप्टन देवी शरण ने बताया, 'एक हाइजैकर का नाम बर्गर था, उसके पास फ्लाइट सिमुलेशन की ट्रेनिंग थी। वह पीआर की भूमिका निभा रहा था। उदाहरण के तौर पर जैसे एक हाइजैकर ने पैसेंजर को पीटा तो वह बीच में आकर दोनों को समझाता था। मेरे और उसके बीच एक वेबलेंथ बन गई थी जैसे मुझे कुछ बात करनी होती तो मैं उसके पास ही जाता था और वह हमेशा रेडी रहता था।'
शंकर था सबसे खतरनाक
जब सबसे खतरनाक हाइजैकर के बारे में पूछा गया तो देवी शरण ने बताया, शंकर (कोडनेम)। बोले, 'सबसे खतरनाक हाइजैकर शंकर था। उसे देखकर लगता था कि वह किसी भी वक्त खून कर देगा।'
गेट खोलने की देते थे ट्रेनिंग
देवी शरण ने बताया, '1-2 दिन बाद मुझे पैसेंजर्स के साथ बैठने की अनुमति मिल गई थी। मैं गेट के पास बैठे यात्रियों से बातें करता। उन्हें बताता कि अगर हाइजैकर्स गोली चलाने लगें तो कैसे गेट खोलकर नीचे स्लाइड कर जाएं। लेकिन हाइजैकर्स को पता नहीं लगने दिया कि क्या बातें कर रहा हूं।'
इमोशनल था चीफ
वह आगे बताते हैं, 'नेगोसिएशन के वक्त उन्हें वो सब नहीं मिल पाया जिसकी डिमांड कर रहे थे। 3-4 दिन तक ये सब चलता रहा जिसका उन पर असर पड़ा था। चीफ हाइजैकर ने 5वें या 6वें दिन मुझे गले लगाया और रोया था। अब सबको पता था कि भारत की जेल से जिन्हें रिहा करने की मांग की जा रही थी उनमें से एक शख्स हाइजैकर का भाई था। वह बोला, 'मेरे भाई की क्या गलती है?' आप समझ सकते हैं उसे मेरे सामने रोने की जरूरत नहीं थी। उस लिहाज से वह काफी इमोशनल इंसान था। पर उन्हें इतना पता था कि अपना काम करना है, इस चीज को लेकर अडिग थे।'
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