शाहरुख खान करने वाले थे मुन्ना भाई का रोल, जानिए फिर कैसे हुई संजय दत्त की कास्टिंग
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Bollywood Kissa: साल 2003 में आई फिल्म 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' संजय दत्त के लिए टर्निंग प्वॉइंट साबित हुई थी। फिल्म में संजय दत्त और उनके पिता सुनील दत्त एक साथ नजर आए थे। इस फिल्म ने ना सिर्फ संजय दत्त की इमेज ट्रांसफॉर्म करके रख दी बल्कि एक्टर अरशद वारसी को भी इसके बाद ज्यादातर लोग सर्किट के नाम से जानने लगे। लेकिन कम लोग जानते हैं कि इस फिल्म में पहले तीन अलग ही एक्टर्स को कास्ट करने की प्लानिंग चल रही थी, जिनके नाम शायद आप गेस भी नहीं कर पाएंगे।
अनिल को कास्ट करने की चल रही थी बात
फिर निर्देशक राजकुमार हिरानी के विश्लेषण और उनकी समझ ने सब कुछ बदलकर रख दिया। राजकुमार हिरानी ने अनिल कपूर का नाम सुझाया था और विधु विनोद चोपड़ा विवेक ओबेरॉय को मुन्ना भाई के किरदार में फिट पा रहे थे। एक इंटरव्यू में राजकुमार हिरानी ने बताया कि इसी तरह चलते-चलते बात शाहरुख खान तक पहुंच गई और हमें सोचा शाहरुख खान को मुन्ना भाई एमबीबीएस में लीड रोल दिया जाएगा।
शाहरुख ने सुझा दिया था ऐश्वर्या राय का नाम
राजकुमार हिरानी ने बताया कि जब शाहरुख खान का नाम आया तो वो उन्हें इस किरदार में फिट नहीं पा रहे थे। फिर भी वो जाकर शाहरुख खान से मिले, उन दिनों वो फिल्म देवदास की शूटिंग कर रहे थे। राजकुमार हिरानी ने बताया कि जब वो शाहरुख खान को कहानी सुना रहे थे तो वह काफी देर तक उन्हें जज कर रहे थे कि वो यह फिल्म बना भी पाएंगे या नहीं बना पाएंगे। राजकुमार हिरानी ने बताया कि फिर शाहरुख खान ने ऐश्वर्या का नाम इस फिल्म के लिए सुझावा और वह पूरी तरह चकाचौंध हो गए।
शाहरुख खान की वजह से हो जाता लंबा गैप
विधु विनोद चोपड़ा ने बताया कि फिर कहानी में यू टर्न तब आया जब शाहरुख खान सर्जरी के लिए बाहर चले गए और वह अगले 6 महीने तक कोई काम नहीं करने वाले थे। इसके बाद शाहरुख खान को 'मैं हूं ना' और 'वीर जारा' जैसी फिल्में करनी थी तो अगले दो-ढाई साल का इंतजार करना पड़ता तो वह बात नहीं बनी। राजकुमार हिरानी ने कहा कि फिर जब संजय दत्त का नाम आया तो उन्हें लगा कि उनकी फिल्म तो शाहरुख खान के साथ हो रही है और अब ये अचानक संजय दत्त का नाम कहां से आ गया।
इस तरह किया संजय दत्त का नाम फाइनल
'मुन्ना भाई एमबीबीएस' के अलावा '3 इडियट्स', 'संजू', 'पीके' और 'डंकी' जैसी फिल्में बना चुके राजकुमार हिरानी ने इसके बाद एक विश्लेषण करने का फैसला किया। उन्होंने एक चेकलिस्ट बनाई और इमैजिन करना शुरू किया कि कौन सा एक्टर इस सीन को कैसा करेगा। राजकुमार हिरानी ने कहा कि उस फिल्म में कुल 81 सीन थे और मैंने हर सीन पर सभी एक्टर्स को आंख बंद करके इमैजिन किया। जिसका बेस्ट लगता था उसे वह टिक करते जाते थे। निर्देशक ने बताया कि जब उन्होंने आखिरी में सभी सीन्स का टोटल किया तो संजय दत्त का स्कोर सबसे हाई था। इस तरह उन्होंने संजय दत्त को कास्ट करने का फैसला किया।
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