रत्ना पाठक को गुरु दत्त की फिल्मों को बताया 'अपमानजनक', बोलीं- औरतें बस पुरुषों के पैर...

रत्ना पाठक को गुरु दत्त की फिल्मों को बताया 'अपमानजनक', बोलीं- औरतें बस पुरुषों के पैर...

1 month ago | 12 Views

बॉलीवुड एक्ट्रेस रत्ना पाठक को अपनी बात बेबाकी से रखने के लिए जाना जाता है। हाल ही में एक इंटरव्यू में रत्ना पाठक ने नसीरुद्दीन शाह के साथ शादी से लेकर टीवी और फिल्मों में औरतों की भूमिका पर बात की। इस दौरान उन्होंने गुरु दत्त, बिमल रॉय की फिल्मों को अपमानजनक बताया।

Hauterrfly को दिए एक इंटरव्यू में रत्ना पाठक ने कहा कि बिमल रॉय और गुरु दत्त जैसे सेंसेटिव फिल्ममेकर्स की फिल्मों में भी महिलाओं को अच्छे किरदार नहीं मिले. उन्होंने कहा कि उनकी फिल्मों में महिलाएं हमेशा पुरुषों के कदमों में ही दिखती थीं.

'महिलाएं हमेशा पुरुषों के कदमों में दिखाई पड़ती थीं'

उन्होंने कहा, "इंडस्ट्री के कुछ बहुत सेंसेटिव फिल्म मेकर्स की खूबसूरत फिल्मों में भी महिलाओं को झुका दिया गया। चाहे इसमें गुरुदत्त की फिल्में हों या बिमल रॉय की फिल्में. इनमें भी महिलाएं हमेशा पुरुषों के कदमों में दिखाई पड़ती थीं। उनकी फिल्मों का मूड 'आपकी नज़रों ने समझा प्यार के काबिल मुझे' होता था।" उन्होंने कहा मुझे पहले भी यह कभी समझ नहीं आया और अब मुझे यह सब अपमानजनक लगता है।

'हम भी पुरुषों की तरह जटिल हैं'

आगे रत्ना पाठक ने कहा कि हिंदी सिनेमा में महिलाओं को सेक्शुअलाइज़ेशन की वस्तु दिखाने पर ज़ोर रहा है। ये कुछ साल में और ज़्यादा खराब हो गया। महिलाएं देवी से सीधा टार्ट दिखाई जा रही है। इनमें से दोनों ही स्थिति ठीक नहीं है। मुझे यह भी लगता है कि हम भी पुरुषों की ही तरह जटिल हैं, लेकिन अफसोस है कि हमारी कहानी कहने वालों ने कभी इंसानों और इंसानों के दिलचस्प विषयों का पता लगाने की कोशिश नहीं की।

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