जावेद अख्तर ने बताया क्यों लिखा, ‘मेरे पास मां है’ डायलॉग, बोले- महिलाएं मुसीबत में हैं
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सलीम-जावेद की जोड़ी ने कई सुपरहिट फिल्में दीं। उनका डायलॉग मेरे पास मां है, आज भी लोगों की जुबां पर आ जाता है। जावेद अख्तर ने एक इवेंट में इस डायलॉग और हिंदी फिल्मों में मां को जिस तरह से दिखाया जाता है, उस पर बात की। उन्होंने कहा कि मां की इमेज बहुत मेलोड्रामिक दिखाई जाती है। इस तरह के किरदारों को इंगेजिंग बनाना चाहिए। जावेद ने कहा कि समाज में मां को इतना प्रीमियम बनाया जाता है इसका मतलब है कि महिलाओं की स्थिति बदतर है।
मां की क्लाशे छवि से ऊबे लोग
जावेद अख्तर ने एक्सप्रेसो के सेशन में कई मुद्दों पर बात की। इस बीच मां का टॉपिक भी आया। जावेद बोले, यह पीढ़ी घिसीपिटी चीजों से आजिज आ चुकी है। अगर आप लिखते हैं, 'मां मैं तेरी पूजा करता हूं', अब यह नहीं चलेगा। इसलिए आपको मां को आज की तरह से दिखाना होगा। इसमें बहुत ज्यादा मत कीजिए। 'मेरे पास मां है' आज भी चलता है क्योंकि यह बहुत कॉम्प्लिकेटेड डायलॉग नहीं है लेकिन लोगों ने मां को जैसे एक छवि में बांध दिया है लोग इससे ऊब गए हैं।
औरतों की स्थिति है खराब
जावेद अख्तर बोले, समाज में जहां मांओं पर जहां इतना फोकस है, इसका मतलब है कि उनकी स्थिति ठीक नहीं। वे मुसीबत में हैं। 'मां की पूजा होनी चाहिए' पर उन महिलाओं का क्या जिनकी आप पूजा नहीं करते, जिनमें आपकी बीवी भी शामिल है। ठीक है, लोगों को मेरी मां की पूजा करनी चाहिए लेकिन मेरे बच्चों की मां का क्या? यह सब बकवास है। वे मां को इतना फुटेज देते हैं ताकि दूसरी औरतों से बतदमीजी कर सकें।
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