अर्जुन बनने से पहले फिरोज खान ने नहीं पढ़ी थी महाभारत, मुकेश खन्ना बोले- उसका धर्म...

अर्जुन बनने से पहले फिरोज खान ने नहीं पढ़ी थी महाभारत, मुकेश खन्ना बोले- उसका धर्म...

4 months ago | 32 Views

मुकेश खन्ना के दिल में जो होता है, बेबाक होकर बोलते हैं। उनके पास आज जो कुछ भी है उसका सारा श्रेय बीार चोपड़ा की महाभारत को देते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान वह फिल्म की कास्टिंग पर बात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वह अर्जुन का रोल करना चाहते थे लेकिन यह रोल फिरोज खान को मिल गया। फिरोज मुस्लिम थे तो उन्हें नहीं पता था कि अर्जुन महाभारत के हीरो थे। मुकेश ने बताया कि यह समझने के लिए उन्होंने फिरोज को महाभारत पढ़ने को दी तो वह झिझके थे। शायद उनका धर्म बीच में आ गया।

लंबे लोगों की हुई थी कास्टिंग

मुकेश खन्ना ने बॉलीवुड बबल से बातचीत में बताया, मैं फ्लॉप चल रहा था। मेरे पाल गूफी पेंटल का कॉल आ गया। वह कास्टिंग डायरेक्टर थे। उन्होंने कहा, हम लोग महाभारत बना रहे हैं मुकेश। हमें लंबे-लंबे लोगों की जरूरत है, करोगे? अगर 4 फीट का कोई आदमी आ जाता तो वह सीधे बोल देता था, तुम उधर देखो यार, थोड़े दूर जाकर रामानंद सागर का ऑफिस है वहां रामायण में ले लिया जाएगा।

राज बब्बर बनना चाहते थे अर्जुन

मुकेश ने बताया कि उन्होंने धोती पहनकर, मुकुट लगाकर ऑडिशन भी दिया। शो में कोई बड़ा स्टार नहीं था। बस राज बब्बर अर्जुन का रोल करना चाहते थे लेकिन बीआर चोपड़ा ने उनसे कहा कि डेट्स की जरूरत होगी। अर्जुन वगैरह जिसकी भी कास्टिंग थी, वे सभी स्ट्रगलर्स थे।

गलत रोल हो रहे थे ऑफर

मुकेश बोले, महाभारत मेरा पेट सब्जेक्ट था। मैंने महाभारत बहुत पढ़ी है। मुझे भीष्म बनने से पहले इसके बारे में सब पता था। मुझे ऑफर गलत रोल के हो रहे थे। मुझे दुर्योधन ऑफर हुए तो मैंने मजाक में उड़ा दिया। फिर मुझे द्रोणाचार्य का ऑफर हुआ, मुझे अर्जुन और कर्ण करने थे। मेरे सामने फिरोज अर्जुन बन गया।

द्रोण के रोल के लिए किया था हां

मुकेश ने बताया कि अर्जुन और कर्ण के रोल चले गए। फिर उन्हें द्रोण का रोल ऑफर हुआ तो हां बोल दिया। पर बात नहीं बनी। फिर भीष्म के रोल जिन्हें करना था उन्हें मना कर दिया गया तो मुकेश खन्ना को बुलाया गया।

मुकेश के हाथ से निकला अर्जुन का रोल

मुकेश बोले ने बताया कि अर्जुन का रोल उनके हाथ से कैसे गया। बोले, मैं बीआर चोपड़ा के ऑफिस जाता रहता था। तभी वह बोले, अरे अमा कल हमने अर्जुन देखा। 'कहां गए वो लोग' दूरदर्शन का एक सीरियल आता था। उसमें एक लंबा-चौड़ा है फिरोज। मैं सुन रहा था, मैंने कहा कि ये रोल गया। मुझे लगा कि ये लड़का सूट करेगा। अगले दिन फिरोज को बुलाया गया।

फिरोज को नहीं पता था कौन है अर्जुन

मुकेश बताते हैं, 'अगले दिन फिरोज को ऑफिस बुलाया गया। मैं भी वहां था। वो मेरे पास आया और बोला, 'सरजी-सरजी ये लोग मुझे अर्जुन का रोल ऑफर कर रहे हैं, मैं करूं?' मुझे लगा ये तो मूरख है साला। मैंने कहा अर्जुन महाभारत का हीरो है। वो बेचारा क्या करे, महाभारत हमारा ग्रंथ है। उनका ग्रंथ नहीं है।'

फिरोज ने नहीं पढ़ी महाभारत

मुकेश आगे बोलते हैं, 'मैं उसे अंदर लेकर गया। टेबल पर संक्षिप्त महाभारत पड़ी थी। मैंने फिरोज से कहा कि तू पढ़। इसें बहुत सुंदर डिस्क्रिप्शन है। हमारे ग्रंथों की जिल्द ब्राउन कलर की होती है। उसने देखा और पता नहीं क्या सोचकर छोड़़ दिया। फिर टॉपिक बदल दिया। शायद उसका धरम बीच में आ गया था कि मैं कैसे पढ़ सकता हूं। उसने नहीं पढ़ा लेकिन वो कर गया। बहुत अच्छा अर्जुन था। लोगों ने तारीफ की।' अर्जुन भीष्म की केमिस्ट्री पर मुकेश बोले कि जब उनके साथ फिरोज के सीन होते थे तो बहुत अच्छे होते थे ग्लिसरिन की जरूरत नहीं पड़ती थी।

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