Bigg Boss OTT 3: 'च्वींगम चाचा' के टैग पर दीपक चौरसिया का रिएक्शन, कहा- गार्जियन के तौर पर...

Bigg Boss OTT 3: 'च्वींगम चाचा' के टैग पर दीपक चौरसिया का रिएक्शन, कहा- गार्जियन के तौर पर...

1 month ago | 16 Views

रियलिटी टीवी शो बिग बॉस ओटीटी 3 से दीपक चौरसिया का एविक्शन लोगों के लिए खास सरप्राइजिंग नहीं रहा। बल्कि सोशल मीडिया पर कई लोग तो यह लिखते भी नजर आए कि अब दीपक चौरसिया घर से बाहर आकर आराम से च्वींगम खाएंगे और सोएंगे। जर्नलिस्ट दीपक चौरसिया की बिग बॉस ओटीटी 3 में एंट्री काफी चर्चा में रही थी, लेकिन घर के भीतर वह काफी सुस्त नजर आए। ज्यादातर बिस्तर पर आराम फरमाते नजर आए दीपक चौरसिया को लोगों ने 'च्वींगम चाचा' टैग दे दिया और अब घर से बाहर आकर उनसे इस टैग के बारे में रिएक्शन मांगा गया।

च्वींगम चाचा के टैग पर दिया जवाब

दीपक चौरसिया से घरवालों और बाहर जनता के दिए इस टैग पर जब रिएक्शन मांगा गया तो वह बात घुमा गए। सिद्धार्थ कनन के यूट्यूब चैनल पर दीपक चौरसिया से जब पूछा गया कि चंद्रिका दीक्षित ने कहा था कि घर के अंदर बहुत से कंटेस्टेंट आपको च्वींगम अंकल कहते हैं। क्या आप घर के अंदर कोई दोस्त नहीं बना पाए? इस सवाल के जवाब में दीपक चौरसिया ने कहा, "नहीं मेरे कई दोस्त हैं। जो मुझसे उम्र में छोटे थे उनसे भी मेरी दोस्ती थी। साई से मेरी बड़ी अच्छी दोस्ती थी। रणवीर शौरी से भी मेरी बहुत अच्छी दोस्ती थी।"

लोग मुझे बड़े भाई जैसा ट्रीट करते थे

दीपक चौरसिया ने कहा कि बाद में अरमान से भी मैं बात करने लगा था और विशाल और लवकेश को मेरा प्यार मिलता था, मैं लगातार उनसे बात करता था। हां, इतना जरूर है कि सब लोग मुझे बिग ब्रदर के तौर पर ट्रीट करते थे, गार्जियन के तौर पर ट्रीट करते थे। लेकिन उनको यह लगता था... मुझे उन्हें दोस्त बोलने में कोई परहेज नहीं है। लेकिन वो कहते थे कि सर आप उम्र में बहुत बड़े हैं, तो हम या तो सर कहेंगे या भैया कहेंगे। तो मैंने कहा कोई बात नहीं। लेकिन मैं यह मानता हूं कि दोस्ती मेरी हुई और बहुत अच्छी हुई।

ट्रॉफी नहीं दिल जीतने अंदर गया था

दीपक चौरसिया ने कहा कि मैं मानता हूं कि दोस्ती से बढ़कर बॉन्डिंग वाली बात है। मेरा उनसे दिल का रिश्ता है। अब मैं बिग बॉस के घर से आ गया हूं, जो मेरे सबसे बड़े क्रिटिक थे, उनके साथ भी मेरी जिंदगी भर की दोस्ती रहेगी। बिग बॉस ओटीटी 3 से इतनी जल्दी बाहर आ जाने के बारे में दीपक चौरसिया ने कहा कि वह घर के अंदर ट्रॉफी नहीं दिल जीतने गए थे और उन्हें लगता है कि उन्होंने जनता का और लोगों का दिल जीता है। दीपक ने कहा कि वह उम्र में बाकियों से थोड़ा बड़े थे, इसलिए लोग उन्हें काफी इज्जत देते थे।

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