यौन उत्पीड़न मामले में असित मोदी दोषी साबित, लेकिन जेनिफर मिस्ट्री को अफसोस, कहा- सही जस्टिस नहीं मिला

यौन उत्पीड़न मामले में असित मोदी दोषी साबित, लेकिन जेनिफर मिस्ट्री को अफसोस, कहा- सही जस्टिस नहीं मिला

5 months ago | 9 Views

तारक मेहता का उल्टा चश्मा में पहले रौशन सोधी का किरदार निभा चुकीं जेनिफर मिस्त्री ने तब सबको हैरान कर दिया जब उन्होंने शो के प्रोड्यूसर असित मोदी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जेनिफर ने असित कुमार मोदी, सोहिल रमानी और जतिन रमानी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। अब हाल ही में यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई में फैसला जेनिफर के सपोर्ट में आया है।

दरअसल, असित के खिलाफ शिकायत करने के बाद जब मुंबई पुलिस की तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तब जेनिफर ने महाराष्ट्र सरकार से मदद मांगी थी। ऐसी खबर आ रही थी कि इस मामले में असित को दोषी पाया गया है। इस बात को कन्फर्म करते हुए जब जेनिफर से पूछा गया तो एक्ट्रेस ने ई टाइम्स से बात करते हुए कहा कि जीत तो हुई है, लेकिन जो रिजल्ट आया है उससे वह खुश नहीं हैं।

पुलिस ने नहीं दिया साथ

जेनिफर ने कहा, ‘मैंने तारक मेहता का उल्टा चश्मा के प्रोड्यूसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था जो मेरे भी प्रोड्यूसर थे असित मोदी। इसके अलावा मैंने ऑप्रेशन हेड सोहिल रमानी और एग्जिक्यूटिव प्रोड्यूसर जतिन बजाज के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की थी। लेकिन पुलिस की तरफ से कोई रिजल्ट नहीं मिला। इसके बाद मैंने महाराष्ट्र सरकार से अपील की। स्थानीय शिकायत समिति के गठन से तेजी से समाधान हुआ, जिसमें असित कुमार मोदी को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 के तहत चार महीने के भीतर दोषी पाया गया। मुझे बहुत दुख हो रहा है यह बताते हुए कि पुलिस यह सब 1 साल से नहीं कर पाई है।’

असित मोदी को मेरा बचा हुआ पैसा देने का कहा गया है और 20-30 लाख का थोड़ा कम्पेनजेशन। एक्स्ट्रा 5 लाख रुपये मिस्टर मोदी को शोषण के लिए देने को कहा है। यह फैसला 15 फरवरी को दिया गया, लेकिन मुझे यह सब मीडिया में शेयर करने से मना किया था। हालांकि मुझे लगता है कि महिलाओं की रेपुटेशन मैटर करती है। 40 दिन से ज्यादा का समय हो गया है और मुझे अभी तक मेरा पैसा नहीं मिला है जिसे मैंने अपने हार्ड वर्क से कमाया है।

फैसले से निराश

जेनिफर ने आगे कहा, 'मिस्टर मोदी को गिल्टी होने के बाद भी कोई दंड नहीं मिला और ना बाकी आरोपियों को। सोहिल और जतिन का तो कुछ वर्डिक्ट ही नहीं हुआ जिससे मैं निराश हूं। लोकल कमिटी ने बस वो अमाउंट देने को कहा जो मैं डिजर्व करती थी। इस फैसले से स्पष्ट है कि मेरा मामला मनगढ़ंत नहीं था और मैं सस्ती पब्लिसिटी के लिए यह सब नहीं कर रही थी। मैं खुश हूं कि मेरे शोषण के मुद्दे को महत्वपूर्णता दी, लेकिन मुझे लगता है कि मुझे सही से जस्टिस नहीं मिला है।'

ऐसे फैसले की उम्मीद नहीं थी

इस फैसले में मोदी और बाकी दोषियों को माफी मांगने को नहीं कहा गया जबकि उन्होंने काम पर मुझे कितना परेशान किया। जो कम्पेनजेशन बोला गया वो भी कम है जिससे बाकी लोग भी ऐसा जुर्म कर सकते हैं। अगर मैं इसे एक्सेप्ट करूंगी तो इससे यही मैसेज जाएगा कि अपराध को ऐसे छोटे अमाउंट्स से इग्नोर किया जा सकता है। एक महिला जिसके लिए सेल्फ रिस्पेक्ट महत्वपूर्ण है उसके लिए यह फैसला बिल्कुल सही नहीं है खासकर कि तब जब कमिटी की ज्यादा मेंबर्स महिलाएं हैं। पुलिस अथॉरिटीज से भी मुझे इंसाफ नहीं मिला। 10 साल की बेटी को अकेले घर पर छोड़कर मैं पुलिस स्टेशन के चक्कर मारती रहती थी। 19 जून को एफआईआर दर्ज करवाने के 10 महीने बाद तक शिकायत दर्ज नहीं हुई थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक असित मोदी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मुझे इसका आइडिया नहीं है। इस बारे में कुछ भी नहीं पता है।

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