आमिर खान को एक टोपी फाइनल करने में लगा था 10 घंटे का वक्त, महेश भट्ट ने सुनाया 'दिल है कि मानता नहीं' का किस्सा
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बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान को पूरी इंडस्ट्री मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से जानती है। एक्टर को यह टैग उनके हर छोटी-बड़ी चीज के लिए बहुत स्पेसिफिक और चूजी होने की वजह से मिला था। आमिर खान फिल्ममेकिंग के दौरान हर छोटी चीज पर जमकर माथापच्ची करते हैं। महेश भट्ट ने एक हालिया इंटरव्यू में बताया कि फिल्म 'दिल है कि मानता नहीं' की शूटिंग के दौरान आमिर खान ने 10 घंटे तक इस बात पर सोच-विचार किया था कि उनके किरदार को फिल्म में कौन सी कैप पहननी चाहिए।
टोपी फाइनल करने में लगे 10 घंटे
पूजा भट्ट और आमिर खान स्टारर यह फिल्म साल 1991 में रिलीज हुई थी। फिल्म का निर्देशन महेश भट्ट ने किया था, लेकिन जो कैप इसमें आमिर खान ने पहनी थी उसे फाइनल करने में आमिर ने काफी वक्त लिया, लेकिन फिर बाद में जाकर यह कैप इतनी हिट हुई कि इसकी मार्केट में खूब डिमांड आने लगी। महेश भट्ट ने रेडियो नशा के साथ बातचीत में कहा, "कैप कैसी दिखनी चाहिए इस बात पर उसने 10 घंटे तक डिसकशन किया था।" फिल्म के हिट होने के बाद उनके फैंस बड़े फक्र से यह टोपी पहनकर घूमते थे।
'फिल्म चली तो कपड़े भी चल जाएंगे'
महेश भट्ट ने बताया, "अगर फिल्म चल जाए तो कपड़े भी चल जाते हैं।" महेश भट्ट ने इसी इंटरव्यू में फिल्म 'हम हैं राही प्यार के' को लेकर उनका तजुर्बा भी बताया था। उन्होंने कहा कि तब आमिर खान की कुछ फिल्में नहीं चली थीं, लेकिन जब चलीं तो बड़ी हिट रहीं। महेश भट्ट ने बताया कि एक बार फिल्म हिट हो जाए तो निर्देशक आमिर खान के साथ दोबारा काम करने को मजबूर हो जाते थे। फिल्म हम हैं राही प्यार के में टीकू तल्सानिया ने भी आमिर खान के साथ काम किया था और उन्होंने भी इस बारे में बात करते हुए आमिर खान को जीनियस कहा था।
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